कश्मकश में खडे है हम
जाना किधर पता नहीं
अपनी बेबसी का ये अधूरी किस्सा
किसे सुनाए पता नहीं
निगाहें कातिलाना उसकी
अदाये भी लाजवाब
नया नया सा एहसास है ये
नया नया सा प्यार
जाने ये सब हुआ कैसे
ये मुझे मालूम नहीं
दीवाना मैं हो रहा हुँ
कसूर किसका पता नहीं
उसकी खूबसूरत चेहरे से
नज़र हटती नहीं
उसे देखने से रोकू कैसे इन निगाहो को
ये मुझे समझ आती नहीं
जब सामने वो आती है
सांस तेज हो जाती है
दिल की धड़कन भी
उसी का नाम सुनाती है
उसकी तरफ न जाना
चाहता है दिल
कदम अगर खुद ही बढ़ जाये उसकी ओर
तो रोकू कैसे पता नहीं
रोज़ रोज़ उसके आने से सपनो में
ख़्वाब है हैरान
नींद भी है परेशान
मगर दिल में जाग रही है अरमान
करता हुँ शायद प्यार उससे
कहने की हिम्मत नहीं
यही है कश्मकश मेरी
कोई करे उपाय प्रदान !
Nice one
ReplyDeletethanks bro
DeleteThis is intense. Great!!
ReplyDeletethanks bro. tried making it worth reading. it turned out ok.
Deletegood one. Hope you wil find your "naya pyaar" soon.. :P
ReplyDeletehopefully your words might come true
Deleteafter reading this poem few people asked "what does 'naya pyaar' mean?
ReplyDeleteit may be a little confusing.
In the context of this poem 'naya pyaar' means that the feel of being in love is completely new for this person and he is trying understand it.
Nyc 1 :)
ReplyDeletethank you.:-)
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